कनवास(कोटा)
कनवास उपखण्ड क्षेत्र के रूपाहेड़ा निवासी कालूलाल आत्मज किशनलाल जाति कीर द्वारा कनवास उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया कि प्रार्थी कालूलाल की माल पानाहेडा में कृषि भूमि स्थित है ओर प्रार्थी के हिस्सा भूमि 2.75 बीघा पर अप्रार्थी श्योजी आत्मज किशन गोपाल, पाराबाई पुत्री किशन गोपाल जाति कीर निवासी रूपाहेडा द्वारा उक्त भूमि पर प्रार्थी के पिता जी द्वारा अप्रार्थीगण से 5,000 रूपये लेने बताया ततपश्चात उनकी मृत्यु हो गई, जिसे उस आराजी पर उनका 20 वर्षो से कब्जा होना बताया ।प्रार्थी के प्रार्थना-पत्र पर तुरंत सुनवाई करते हुए एसडीएम राजेेश डागा ने अप्रार्थीगण को न्यायालय में बुलाया गया दोनों पक्षों की बात स्वयं उनसे ही सुनकर विवाद निस्तारण के लिए समझाईश की गई उन्हें समझाया कि दावा करने पर वकील भी करना होगा,एक पक्ष जीतेगा तब दूसरा अपील कर देगा। वर्षों तक प्रकरण चलता रहेगा। दोनों पक्ष समझाइश से समझौता करने के लिए तैयार हो गए।इस पर दोनों पक्षकारों की सहमति बनी की अप्रार्थी द्वारा उक्त आराजी से कब्जा छोडने हेतु 20,000 रूपये की मांग की गई जिसे प्रार्थी कालू द्वारा 20,000 रूपये अप्रार्थी श्योजी को देने हेतु सहमति दी तथा अप्रार्थी श्योजी द्वारा जमीन का कब्जा छोडने हेतु सहमति दी। प्रार्थी कालू द्वारा 8000 रूपये मौके पर ही अप्रार्थी श्योजी को दे दिए गए तथा शेष 12,000/-रू की राशि 8 दिन बाद अप्रार्थी को देगे। साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी की यदि भविष्य में जमीन बेची जाती है तो केवल श्योजी को ही बेची जायेगी।इस पर दोनों पक्षकारों की आपसी सहमति से व एसडीएम की समझाईश से दोनो पक्षकारों ने विवाद को यहीं समाप्त कर प्रकरण का निस्तारण कराया गया।
रास्ते संबंधी प्रकरण का आपसी समझाइश से निस्तारण
इसी प्रकार बाछीहेड़ा निवासी बजरंग लाल, भवानी शंकर, कजोड लाल सुमन व सत्यवान सुमन के द्वारा कनवास उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा को प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया कि प्रार्थीगण के खेत के व अन्य खातेदारों के आने जाने का रास्ता खाल के किनारे से जा रहा है उसे बंशीलाल पुत्र श्रीराम जाति धाकड बाछीहेडा द्वारा पत्थर कोट करके खाल के पास रास्ते को रोककर अपने खेत मे मिला लेना बताया है। जिससे प्रार्थीगणो का रास्ता रूक गया था। प्रार्थी के प्रार्थना-पत्र पर तुरंत सुनवाई करते हुये एसडीएम राजेेश डागा अप्रार्थी बंशीलाल पुत्र श्री राम को न्यायालय में बुलाया गया। व समझाईश की गई की इस प्रकार से विवाद करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है, बल्कि आपको उल्टे न्यायालयों के चक्कर काटने पड सकते हैं, जिससे आपका समय तो बर्बाद होगी ही बल्कि आर्थिक व मानसिक रूप से भी परेशान होना पड सकता है। इसलिये आप अपनी सहमति व पडोसी काश्तकार के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने के लिये पुरानी बातों को भूल जायें व इस विवाद को आपसी सहमति से खत्म करायें।\t इस पर दोनों पक्षकारों की सहमति बनी की अप्राथी बंशीलाल के द्वारा जो खसरा न0 1000 पर जो कोट किया हुआ है। उसको 10 फीट पीछे दक्षिण मे खिसकायेगा तथा प्रार्थीगण द्वारा कोट को हटाने मे साधन जेसीबी आदि की व्यवस्था प्रार्थीगण करेगे। तथा कोट को अप्रार्थी बंशीलाल द्वारा स्वयं अपने खर्चे पर चुनवायेगा।
इस प्रकार समझाईश करने के उपरान्त विवादित भूमि का निस्तारण किया गया। जिसका सभी पक्षकारों द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।