विधायक भरत सिंह बोले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिंदाबाद, गृहमंत्री मुर्दाबाद

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कोटा
राजस्थान विधानसभा में आज से मानसून सत्र शुरू हो गया है लेकिन बीते कई विधानसभा सत्र की तरह इस बार भी विधायक भरत सिंह जयपुर विधानसभा सत्र में नहीं गए और कोटा में ही अपनी ही सरकार की खिलाफत करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में कोटा के संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह और महानिरीक्षक पुलिस प्रसन्न कुमार खमेसरा को ज्ञापन दिया है.

उन्होंने ने कहा की हमारा विरोध मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नहीं बल्कि बतौर गृहमंत्री के खिलाफ है.भरत सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने काफी काम किए हैं इसीलिए उनकी जिंदाबाद करते हैं, लेकिन बतौर गृहमंत्री उन्होंने एसटी के लोगों को न्याय नहीं दिलाया इसीलिए उनको मुर्दाबाद किया जाएगा. साथ ही जब अगली बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा आएंगे, तब उनका विरोध किया जाएगा. यही जानकारी उन्होंने आईजी और संभागीय आयुक्त को भी दी है.

साथ ही यह भी कहा है कि यह जानकारी मुख्यमंत्री गहलोत तक भी पहुंचा दी जाए.भरत सिंह से जब पूछा गया कि विधानसभा में नहीं गए. उन्होंने जवाब दिया कि जब मेरी बात को सुना ही नहीं जा रहा है, तो विधानसभा में जाने से कोई मतलब नहीं है. जब तक मेरे मुद्दे का हल नहीं होगा, मैं वहां जाकर भी क्या करूंगा. अगर आज मैं विधानसभा में जाता तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण जरूर सुनता. विधानसभा में भी जाकर मुद्दा उठाते हैं, उस पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. इसीलिए विधानसभा जाने का कोई औचित्य नहीं है. प्रकरण में जानकारी होने के बावजूद निर्णय नहीं लिया जा रहा है, इससे संदेह उनकी मंशा पर है.

विधानसभा के सत्र का बहिष्कार करने के सवाल पर भरत सिंह ने कहा कि मैंने यह दिन सोच समझकर चुना है. विधानसभा का सत्र चालू हो रहा है और मैं दो महत्वपूर्ण बातों को लेकर विरोध कर रहा हूं, जिसमें एक मामला एससी एसटी का प्रकरण है. इसमें जानकारी होने के बाद भी विलंब किया जा रहा है. यह विलंब मंत्री प्रमोद जैन भाया के कहने पर किया जा रहा है और इसकी जांच सीआईडी सीबी को भेज दी गई है. आईजी साहब को मिलने गया था कि स्थाई निस्तारण करें और क्योंकि बेवजह उसको रोक रखा है. दूसरा मुद्दा खान की झोपड़िया गांव को लेकर संभागीय आयुक्त से मिला था और उनसे कहा है कि जब मुख्यमंत्री अगली बार आएंगे, तो उन्हें इस मुद्दे को लेकर विरोध भी झेलना पड़ेगा. भरत सिंह ने संभागीय आयुक्त डॉ प्रतिभा सिंह को कहा कि पूर्व संभागीय आयुक्त दीपक नंदी ने खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में मिलाने की अनुशंसा की थी। यही बात कोटा के तत्कालीन कलक्टर ने भी कही थी, लेकिन बारां के कलेक्टर इससे उलट ही बोलते हैं. बारां में वही कलेक्टर लगता है, जो मंत्री प्रमोद जैन भाया की गुलामी करता है.

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